कोरोना वायरस के दौरान शिक्षा की समस्या

आज हम कोरोनावायरस के दौरान शिक्षा की समस्या किस प्रकार हुई है जानेंगे, विद्यार्थियों , अध्यापकों और अभिभावकों को किन  किन समस्या का सामना करना पड़ा है।



कोरोनावायरस के दौरान शिक्षा की समस्या किस प्रकार है ?

कोरोना वायरस के कारण पांचवीं तक के स्कूल मार्च से ही बन्द कर दिए गए यहां तक कि उनकी परीक्षाएं भी नहीं हुई , उसके बाद आगे की कक्षायो के लिए भी स्कूल पूर्ण रूप से बन्द के दिए गए और उनकी भी परीक्षाएं नहीं हुई है। इस समय विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू की गई , पर यह पूर्ण रूप से सफल नहीं रही । भारत में बहुत बड़ा वर्ग गरीबी रेखा में आता है । ऑनलाइन कक्षाओ के लिए विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन , लैपटॉप या कंप्यूटर व हाई स्पीड इंटरनेट होना आवश्यक हैं । कोरोना वायरस के कारण निर्धन वर्ग के परिवार ने रोजी - रोटी से हाथ धो बैठे ऐसे में वह परिवार अपने बच्चो की शिक्षा के लिए स्मार्ट फोन , लैपटॉप , कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं करा सके , और वह विद्यार्थी शिक्षा से दूर होते चले गए । 
जिस समय विद्यार्थियों को नई कक्षाओं में जाकर पढाई करनी थी उस समय में वह घर पर बैठे है , उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने मी बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे :- इंटरनेट की समस्या , ऑनलाइन कक्षाओ के लिए अलग से कमरा या शांत जगह का ना होना । 




कोरोना वायरस के कारण निर्धन वर्ग के विद्यार्थियों पर असर :- 


कोरोना वायरस के कारण निर्धन वर्ग के विद्यार्थी को शिक्षा की बहुत ज्यादा समस्या हुई है , क्योंकि ऐसे विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं हैं। जिस कारण वह शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं । उनके परिवार पर आईं आर्थिक तंगी भी एक वजह है , जिसके कारण बहुत से विद्यार्थी जीवन में अब कभी स्कूल ना जा पाएंगे और उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ेगी । भारत का बहुत बड़ा वर्ग शिक्षा से वंचित रह जाएगा, जिससे भारत की शिक्षा प्रणाली बहुत पीछे चली जाएगी । भारत की शिक्षा प्रणाली पीछे जाने से भारत की अर्थ्यवस्था पर भी बहुत असर पड़ेगा और गरीबी और ज्यादा बढ़ती चली जाएगी , क्योंकि जब निर्धन वर्ग के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण नहीं करेगे तो वह अपनी आर्थिक व्यवस्था सुधार नहीं पाएंगे , और सरकार के कामों में अपना हाथ नहीं बंटा पाएंगे, ऐसे में वह जरूरत का सामान कम इस्तेमाल करेंगे जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। 





                          सरकार को निर्धन वर्ग के विद्यार्थियो के लिए योजनाएं बनानी चाहिए ताकि कोरोना वायरस के दौरान या बाद में कोई भी वर्ग का विद्यार्थी शिक्षा से वंचित ना रह जाए, और भारत की अर्थव्यवस्था में अपना सहयोग दे सके। 

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